पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह का दावा फेल हुआ, उठे तमाम सवाल रिंग रोड के लिए जिले को 4000 करोड़ पहले ही स्वीकृत हो चुका है जौनपुर। लोकसभा 20...
पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह का दावा फेल हुआ, उठे तमाम सवाल
रिंग रोड के लिए जिले को 4000 करोड़ पहले ही स्वीकृत हो चुका है
जौनपुर। लोकसभा 2024 के सामान्य चुनाव में जौनपुर संसदीय सीट से भाजपा के प्रत्याशी रहे कृपाशंकर सिंह का परियोजना फोर लेन के रिंग रोड का प्रचार गलत साबित हो गया। कृपाशंकर सिंह का दावा जन मानस के बीच ट्रोल भी होने लगा है। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके अनुरोध पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जौनपुर में रिंग रोड के लिए 4000 करोड़ रुपए स्वीकृत किया है जबकि यह स्वीकृति पहले ही की जा चुकी है।
यहां बता दें कि जौनपुर में फोरलेन के रिंग रोड की मांग दिसम्बर 2021 में जौनपुर सदर विधानसभा से विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बने गिरीश चन्द यादव ने उठाई और सड़क परिवहन मंत्री नितीन गटकरी को पत्र प्रेषित किया। फिर 16 नवंबर 22 को पत्र के जरिए गिरीश चन्द यादव ने नितिन गटकरी से मिलकर 50 किमी रिंग रोड की मांग का पत्र दिया। इस तरह लगातार गिरीश चन्द यादव राज्य मंत्री लगातार रिंग रोड की अपनी मांग को सड़क परिवहन मंत्री के समक्ष उठाते रहे।
14 फरवरी 24 को मुंगराबादशाहपुर की एक जनसभा में सड़क परिवहन मंत्री ने जौनपुर में तीन हजार करोड़ रूपये की लागत से फोरलेन के रिंग रोड की स्वीकृत देने की घोषणा की। गिरीशचंद्र ने अपनी मांग पूरी होने पर केंद्रीय मंत्री गटकरी को बधाई भी दी। इतना ही नहीं 2023 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में गिरीश चन्द यादव की मांग पर जौनपुर में रिंगरोड देने का एलान किया था।
27 सितम्बर 2022 को सड़क परिवहन मंत्रालय से गिरीश चन्द यादव के नाम से जारी पत्र में जौनपुर में रिंगरोड स्वीकृति की बात से स्पष्ट है कि रिंगरोड मंत्री गिरीश चन्द यादव के प्रयास से जौनपुर को रिंगरोड मिल गया है। 19 अक्टूबर 22 को सड़क परिवहन मंत्रालय का गिरीश चन्द यादव के नाम जारी पत्र बता रहा है कि रिंगरोड की स्वीकृति के बाद डीपीआर ( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) मांगी गयी है।
सभी पत्र दर्शाते हैं जौनपुर में बनने वाले रिंगरोड के लिए प्रयास का श्रेय उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव को जाता है।
लेकिन कृपाशंकर सिंह और उनके लोगों ने एक ऐसे पत्र के जरिए विकास कराने का श्रेय लेने के लिए मीडिया को भी गुमराह कर दिया। जिसमे दावा किया गया कि उनके पत्र पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने जिले को 4000 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है जबकि ऐसा पहले हो चुका है।
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